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बाइबल में प्रेम के कई प्रकार का वर्णन - how many type of love

 बाइबल में प्रेम के कई प्रकार का वर्णन किया गया है, और इसे विभिन्न रूपों में व्यक्त किया गया है। ईसाई धर्मशास्त्र में, प्रेम को कुछ प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें से प्रत्येक का अलग-अलग अर्थ होता है। यहाँ बाइबल में पहचाने जाने वाले प्रेम के मुख्य प्रकार दिए गए हैं:

1. अगापे (ἀγάπη): बिना शर्त, ईश्वरीय प्रेम

  • परिभाषा: अगापे सबसे उच्चतम प्रकार का प्रेम है, जो निःस्वार्थ, बिना शर्त और बलिदानी प्रेम से जुड़ा होता है। यह वह प्रेम है जो परमेश्वर ने मानवता के लिए रखा है और जिसे मनुष्यों को एक-दूसरे के लिए रखना चाहिए।
  • बाइबल संदर्भ:
    • यूहन्ना 3:16: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम (ἀγάπη) किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।"
    • 1 कुरिन्थियों 13:4-7: "प्रेम (ἀγάπη) धीरजवन्त है, प्रेम कृपालु है। यह डाह नहीं करता, यह डींग नहीं मारता, यह घमण्ड नहीं करता। यह दूसरों का अपमान नहीं करता, यह स्वार्थी नहीं है, यह आसानी से क्रोधित नहीं होता, यह गलतियों का हिसाब नहीं रखता..."

2. फिलिया (φιλία): भाईचारे का प्रेम, मित्रता

  • परिभाषा: फिलिया मित्रों के बीच स्नेही प्रेम को संदर्भित करता है, जो अक्सर परस्पर सम्मान और साझा मूल्यों पर आधारित होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • यूहन्ना 15:13: "इससे बड़ा प्रेम (φιλία) कोई नहीं कर सकता कि वह अपने मित्रों के लिए अपना जीवन दे दे।"
    • रोमियों 12:10: "आपस में भाईचारे के प्रेम (φιλία) से प्रेम रखो, और एक दूसरे का आदर करने में अग्रणी बनो।"

3. एरोस (ἔρως): रोमांटिक प्रेम

  • परिभाषा: एरोस एक पुरुष और एक महिला के बीच के भावुक, रोमांटिक प्रेम को संदर्भित करता है। यह अक्सर शारीरिक आकर्षण और भावनात्मक संबंध से जुड़ा होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • श्रेष्ठगीत 1:2: "वह मुझे अपने मुख के चुम्बनों से चूमे, क्योंकि तेरा प्रेम (ἔρως) दाखमधु से उत्तम है।"
    • नीतिवचन 5:18-19: "तेरा स्रोत धन्य हो, और तू अपनी जवानी की पत्नी के साथ आनन्दित हो। वह प्यारी हरिणी, मनोहर मृगी हो—उसके स्तन तुझे सदा तृप्त करें, और तू उसके प्रेम (ἔρως) में सदा मगन रहे।"

4. स्टोर्गे (στοργή): पारिवारिक प्रेम

  • परिभाषा: स्टोर्गे वह स्वाभाविक प्रेम और स्नेह है जो परिवार के सदस्यों के बीच होता है, जैसे माता-पिता और बच्चों या भाई-बहनों के बीच का प्रेम।
  • बाइबल संदर्भ:
    • रोमियों 12:10 (कुछ अनुवादों में): "आपस में भाईचारे के प्रेम (στοργή) से प्रेम रखो, और एक-दूसरे का सम्मान करने में अग्रणी बनो।"
    • 2 तीमुथियुस 3:3: पौलुस उन लोगों के बारे में चेतावनी देते हैं जो "स्वाभाविक स्नेह (ἄστοργος) के बिना" हैं, जो स्टोर्गे प्रेम की कमी को दर्शाता है।


5. लुडस (Ludus): खेल-खेल में प्रेम

  • परिभाषा: लुडस एक हल्का-फुल्का, चंचल प्रेम है। यह वह प्रकार का प्रेम है जो मजाकिया, छेड़छाड़ करने वाले और बिना किसी गंभीरता के होता है। यह युवा प्रेमियों के बीच फ्लर्ट और खेल-कूद में दिखाई देता है।
  • उदाहरण: यह प्रेम शारीरिक या गहरे भावनात्मक संबंध से अधिक आनंद और मज़ाक का प्रतीक है। बाइबल में इसका उल्लेख प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया है, लेकिन प्रेम के इस पहलू को जीवन के आनंदित क्षणों से जोड़ा जा सकता है।

6. प्रग्मा (Pragma): व्यावहारिक प्रेम

  • परिभाषा: प्रग्मा एक ऐसा प्रेम है जो समय के साथ विकसित होता है। यह दीर्घकालिक संबंधों, विवाह, और साझेदारी में देखा जाता है जहाँ प्रेम व्यावहारिकता, समर्पण और आपसी समझ पर आधारित होता है।
  • उदाहरण: प्रग्मा का उदाहरण वृद्ध दंपत्तियों में देखा जा सकता है जो वर्षों से एक-दूसरे का समर्थन करते आए हैं। यह प्रेम बाइबल में अप्रत्यक्ष रूप से लंबे समय तक चलने वाले संबंधों में देखा जा सकता है, जैसे कि इब्राहीम और सारा या इसहाक और रेबेका के संबंधों में।

7. फिलौटिया (Philautia): आत्म-प्रेम

  • परिभाषा: फिलौटिया आत्म-प्रेम है, जो एक सकारात्मक और स्वस्थ रूप में खुद की देखभाल और सम्मान से जुड़ा है। यह वह प्रेम है जो हमें सिखाता है कि पहले खुद को प्यार करें ताकि हम दूसरों को सही तरीके से प्यार कर सकें।
  • बाइबल संदर्भ:
    • मत्ती 22:39: "तुम अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करो जैसे तुम खुद से करते हो।" यह संकेत करता है कि आत्म-प्रेम एक आवश्यक आधार है जिससे हम दूसरों को सही तरीके से प्रेम कर सकते हैं।

8. फिलोटोकस (Philotokos): माता-पिता का बच्चों के प्रति प्रेम

  • परिभाषा: यह वह प्रेम है जो माता-पिता अपने बच्चों के लिए महसूस करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से सुरक्षात्मक, पोषण और बलिदानी होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • यशायाह 49:15: "क्या कोई माँ अपने शिशु को भूल सकती है और उस पर दया न कर सके जो उसके गर्भ से पैदा हुआ?" इस संदर्भ में परमेश्वर का प्रेम माँ के प्रेम की तुलना में भी गहरा है।

9. मन्यु (Mania): अधिकारिक और आसक्त प्रेम

  • परिभाषा: मन्यु एक अत्यधिक और जुनूनी प्रेम है, जो अक्सर स्वामित्व और नियंत्रण की भावनाओं से भरा होता है। यह प्रेम तब विकसित होता है जब कोई व्यक्ति अपने साथी के प्रति अत्यधिक आसक्त हो जाता है।
  • उदाहरण: बाइबल में सीधे इस प्रकार का प्रेम नहीं पाया जाता है, लेकिन यह प्रेम ऐसे संबंधों में दिखाई देता है जहाँ ईर्ष्या, अत्यधिक प्रेम और आसक्ति के कारण समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

10. क्षेम (Xenia): मेहमाननवाज़ी का प्रेम

  • परिभाषा: क्षेम प्राचीन ग्रीक परंपरा में मेहमाननवाज़ी और अजनबियों के प्रति दया को संदर्भित करता है। यह एक ऐसा प्रेम है जो मेहमानों का स्वागत करने और उनकी देखभाल करने की इच्छा से जुड़ा होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • इब्रानियों 13:2: "अतिथियों के सत्कार को न भूलना, क्योंकि इससे कुछ ने बिना जाने स्वर्गदूतों का स्वागत किया।"
    • उत्पत्ति 18: इब्राहीम का तीन अजनबियों का स्वागत करना और उन्हें भोजन करवाना एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

11. करुणा (Compassion): दयालु प्रेम

  • परिभाषा: करुणा वह प्रेम है जो दूसरों की पीड़ा के प्रति सहानुभूति और सहायता की भावना को संदर्भित करता है। यह प्रेम मानवता और दया की भावना से प्रेरित होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • मत्ती 9:36: "जब यीशु ने भीड़ को देखा, तो उसने उनके लिए करुणा महसूस की, क्योंकि वे निराश और भटके हुए भेड़ जैसे थे।"
    • लूका 10:33-34: भले सामरी की कहानी में, एक व्यक्ति की करुणा ने उसे घायल आदमी की मदद करने के लिए प्रेरित किया।

12. चेसिड (Chesed): वाचा का प्रेम

  • परिभाषा: चेसिड हिब्रू शब्द है जो वाचा के प्रति निष्ठा, दया, और प्रेम का वर्णन करता है। यह प्रेम परमेश्वर के लोगों के प्रति उसकी विश्वासयोग्यता और दया को दर्शाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • भजन संहिता 136: "क्योंकि उसकी करुणा (चेसिड) सदा की है।" यह अध्याय परमेश्वर के स्थायी प्रेम और विश्वासयोग्यता का गुणगान करता है।

13. अनुकंपा (Sympathy): सहानुभूति का प्रेम

  • परिभाषा: अनुकंपा वह प्रेम है जो दूसरों के दुःख और समस्याओं को समझने और उन्हें साझा करने की इच्छा से जुड़ा होता है। यह प्रेम सहानुभूति और समर्थन की भावना को दर्शाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • रोमियों 12:15: "जो आनन्दित हैं, उनके साथ आनन्दित हो, और जो रोते हैं, उनके साथ रो।"
    • 1 पतरस 3:8: "आप सब एक मन के हों, एक दूसरे के प्रति सहानुभूति रखें, एक-दूसरे से प्रेम करें, दयालु और विनम्र बनें।"

14. एलीओस (Eleos): दया का प्रेम

  • परिभाषा: एलीओस एक ग्रीक शब्द है जो दया, कृपा और सहानुभूति को दर्शाता है। यह प्रेम दूसरों की कमजोरियों और असफलताओं के प्रति सहानुभूतिपूर्ण और क्षमाशील दृष्टिकोण से संबंधित है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • मत्ती 5:7: "धन्य हैं वे जो दया दिखाते हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।"
    • लूका 6:36: "दयालु बनो, जैसे तुम्हारा परमेश्वर दयालु है।"

15. ओइकेयोस (Oikeios): समुदाय का प्रेम

  • परिभाषा: ओइकेयोस एक प्रकार का प्रेम है जो समुदाय और परिवार के सदस्यों के बीच के घनिष्ठ संबंधों और दायित्वों को दर्शाता है। यह प्रेम आपसी समर्थन, सहयोग, और समर्पण पर आधारित है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • गलातियों 6:10: "इसलिए, जब तक हमारे पास अवसर है, हमें सभी के साथ भलाई करनी चाहिए, खासकर उन लोगों के साथ जो विश्वास के परिवार के हैं।"
    • इफिसियों 2:19: "इसलिए, आप अब अजनबी और परदेसी नहीं रहे, बल्कि संतों के साथ नागरिक और परमेश्वर के घराने के सदस्य हैं।"

16. आशीर्वाद (Blessing): आशीर्वाद देने वाला प्रेम

  • परिभाषा: यह प्रेम वह भावना है जो दूसरों के लिए आशीर्वाद, शुभकामनाएं, और अच्छे की कामना के रूप में प्रकट होती है। यह प्रेम दूसरों की भलाई की कामना से प्रेरित होता है और इसे देने वाला व्यक्ति दूसरों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • गिनती 6:24-26: "यहोवा तुझे आशीर्वाद दे और तुझे सुरक्षित रखे; यहोवा तुझ पर अपना मुख प्रकाशित करे और तुझ पर अनुग्रह करे; यहोवा तुझ पर अपनी दृष्टि करे और तुझे शांति दे।"
    • मत्ती 5:44: "अपने शत्रुओं से प्रेम करो और उन लोगों के लिए प्रार्थना करो जो तुम्हारा पीछा करते हैं।"

17. समर्पण (Devotion): भक्तिपूर्ण प्रेम

  • परिभाषा: समर्पण वह प्रेम है जो पूर्ण निष्ठा और विश्वास के साथ जुड़ा होता है। यह प्रेम भगवान, गुरु, या किसी उच्च आदर्श के प्रति पूर्ण समर्पण को दर्शाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • व्यवस्थाविवरण 10:12: "अब, इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझसे क्या चाहता है? केवल यह कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से डरे, उसके सब मार्गों पर चले, और उसे प्रेम करे, और अपने सारे हृदय और अपनी सारी आत्मा से उसकी सेवा करे।"
    • रोमियों 12:1: "इसलिए, भाइयों, मैं आपसे परमेश्वर की दया के आधार पर बिनती करता हूँ कि अपने शरीरों को जीवित बलिदान के रूप में प्रस्तुत करें, जो पवित्र और परमेश्वर को स्वीकार्य हो। यह आपकी उचित सेवा है।"

18. धैर्य (Long-Suffering): सहनशील प्रेम

  • परिभाषा: धैर्य वह प्रेम है जो कठिनाईयों, संघर्षों और परेशानियों के बावजूद बना रहता है। यह प्रेम सहनशीलता, धीरज, और स्थिरता को दर्शाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • 1 कुरिन्थियों 13:4: "प्रेम धैर्यवान है, प्रेम कृपालु है। यह डाह नहीं करता, यह डींग नहीं मारता, यह घमण्ड नहीं करता।"
    • कुलुस्सियों 3:12-13: "इसलिए, परमेश्वर के चुने हुए लोग, पवित्र और प्रिय, करुणा, दया, विनम्रता, कोमलता, और धैर्य धारण करें। एक दूसरे को सहन करें और यदि किसी को किसी के खिलाफ शिकायत हो, तो एक दूसरे को माफ करें।"

19. सहिष्णुता (Tolerance): सहनशील प्रेम

  • परिभाषा: सहिष्णुता वह प्रेम है जो दूसरों की असहमति, कमजोरियों, और दोषों को सहन करता है। यह प्रेम दूसरों के विचारों और कार्यों को समझने और स्वीकार करने की क्षमता से जुड़ा होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • इफिसियों 4:2: "पूर्ण विनम्रता और कोमलता से, धैर्य के साथ, प्रेम में एक-दूसरे को सहन करें।"
    • रोमियों 15:1: "हमें जो मजबूत हैं, कमजोरों की कमजोरियों को सहन करना चाहिए, और अपने आप को नहीं।"

20. स्नेह (Affection): कोमल प्रेम

  • परिभाषा: स्नेह वह प्रेम है जो कोमलता, दया, और गहरे भावनात्मक जुड़ाव से जुड़ा होता है। यह प्रेम माता-पिता, दोस्तों, और प्रेमियों के बीच देखा जाता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • रोमियों 12:10: "आपस में स्नेहपूर्वक प्रेम करो; आदर में एक-दूसरे से आगे बढ़ो।"
    • 1 थिस्सलुनीकियों 2:8: "इसलिए, क्योंकि हम आपसे प्रेम करते थे, हम न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, बल्कि अपना जीवन भी आपके साथ साझा करने के लिए तैयार थे।"

21. प्रेमपूर्ण करुणा (Loving-Kindness): प्रेम से भरी करुणा

  • परिभाषा: प्रेमपूर्ण करुणा वह प्रेम है जो दया, कृपा, और सहानुभूति से भरा होता है। यह प्रेम दूसरों के प्रति करुणा और दया की भावना को प्रकट करता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • मीका 6:8: "उसने तुमसे कहा है, हे मनुष्य, क्या अच्छा है; और यहोवा तुझसे क्या चाहता है? केवल यह कि तू न्याय करे, प्रेमपूर्ण करुणा को प्यार करे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रतापूर्वक चले।"
    • फिलिप्पियों 2:1-2: "तो यदि मसीह में कोई प्रोत्साहन है, यदि कोई प्रेमपूर्ण करुणा है, यदि कोई आत्मिक सहभागिता है, यदि कोई कोमलता और करुणा है, तो मेरी खुशी को पूरा करो।"

22. समानता (Equity): न्याय और समानता का प्रेम

  • परिभाषा: समानता वह प्रेम है जो न्याय, निष्पक्षता, और समानता के सिद्धांतों पर आधारित होता है। यह प्रेम दूसरों के साथ समान और न्यायपूर्ण व्यवहार करने की इच्छा से प्रेरित होता है।
  • बाइबल संदर्भ:
    • मीका 6:8: "यह कि तू न्याय करे, प्रेमपूर्ण करुणा को प्यार करे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रतापूर्वक चले।"
    • यशायाह 1:17: "सीखो भलाई करना, न्याय करना, उत्पीड़ित को सहायता देना, अनाथ का बचाव करना, विधवा के कारण के लिए वाद-विवाद करना।"


यह सारांश प्रेम के विभिन्न प्रकारों को समाहित करता है, जो बाइबल और अन्य संदर्भों में मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। प्रेम की इन श्रेणियों के माध्यम से हम न्याय, सहानुभूति, करुणा, समर्पण, और अन्य मानवीय गुणों को बेहतर समझ सकते हैं। बाइबल प्रेम को एक बहुआयामी अवधारणा के रूप में प्रस्तुत करती है, जिसमें निम्नलिखित श्रेणियाँ शामिल हैं:

1. प्रमुख प्रकार के प्रेम:

  • अगापे: दिव्य, बिना शर्त प्रेम।
  • फिलिया: भाईचारे का, मित्रता का प्रेम।
  • एरोस: रोमांटिक, भावुक प्रेम।
  • स्टोर्गे: पारिवारिक, स्नेही प्रेम।

2. अतिरिक्त प्रकार के प्रेम:

  • लुडस: खेल-खेल में प्रेम।
  • प्रग्मा: व्यावहारिक, दीर्घकालिक प्रेम।
  • फिलौटिया: आत्म-प्रेम।
  • फिलोटोकस: माता-पिता का बच्चों के प्रति प्रेम।
  • मन्यु: अधिकारिक और आसक्त प्रेम।

3. अन्य महत्वपूर्ण प्रकार:

  • क्षेम (Xenia): मेहमाननवाज़ी का प्रेम।
  • करुणा (Compassion): दयालु प्रेम।
  • चेसिड (Chesed): वाचा का प्रेम।
  • अनुकंपा (Sympathy): सहानुभूति का प्रेम।
  • एलीओस (Eleos): दया का प्रेम।
  • ओइकेयोस (Oikeios): समुदाय का प्रेम।

4. विशेष प्रेम की श्रेणियाँ:

  • आशीर्वाद (Blessing): आशीर्वाद देने वाला प्रेम।
  • समर्पण (Devotion): भक्तिपूर्ण प्रेम।
  • धैर्य (Long-Suffering): सहनशील प्रेम।
  • सहिष्णुता (Tolerance): सहनशील प्रेम।
  • स्नेह (Affection): कोमल प्रेम।
  • प्रेमपूर्ण करुणा (Loving-Kindness): प्रेम से भरी करुणा।
  • समानता (Equity): न्याय और समानता का प्रेम।

ये सभी प्रकार के प्रेम मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं और संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इनसे प्रेम की गहराई और जटिलता को समझने में मदद मिलती है।

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